Saturday, November 20, 2010

जहर पचाया जा सकता है

खाने को तो जहर भी खाया जा सकता है
लकिन उसको फिर समझाया जा सकता है
 
सबसे पहले दिल के खालीपन को भरना
पैसा सारी उम्र कमाया जा सकता है
 
मैंने   कैसे    कैसे   सदमे    झेल    लिए हैं
इसका मतलब जहर पचाया जा सकता है
 
इतना इतमीनान है अब भी उन आँखों में
एक बहाना    और      बनाया जा सकता है
 
झूट में शक की कम गुंजाईश हो सकती है
सच को जब चाहो झुटलाया जा सकता है
 
दुनिया ने जितना आतंकित कर रक्खा  है
उतना खतरा रोज उठाया जा सकता है